iNaturalist

लेखक
स्कॉट लॉरी, सह-निदेशक, iNaturalist.org
संगठन
iNaturalist.org
इस्तेमाल किए गए टूल
Google मैप्स प्लैटफ़ॉर्म

चुनौती और संगठन

स्कॉट लॉरी पौधे और जानवर की प्रजातियों की निगरानी को शेयर करने वाले ऑनलाइन समुदाय iNaturalist.org के सह-निदेशक हैं. वे कहते हैं, "दुनिया में ऐसी लाखों प्रजातियां हैं जिनके नमूने किसी म्यूज़ियम में देखे जा सकते हैं. जो प्रजातियां संकट में हैं उन्हें ट्रैक करना काफ़ी लंबी प्रक्रिया है − ऐसी कई प्रजातियां हैं जिनका आकलन हर 10 साल में किया जाता है. इसकी वजह है प्रजातियों और उनके स्थानों का डेटा इकट्ठा करने में आने वाली मुश्किलें. इस काम में बहुत ज़्यादा समय लगता है. इसका मतलब यह है कि डेटा इकट्ठा करने से पहले ही प्रजातियां खत्म होने के कगार पर आ सकती हैं, क्योंकि मौसम में हो रहे बदलाव और तेज़ी से बढ़ते विकास की वजह से उनके रहने की जगह बदल रही है.

iNaturalist सैन फ़्रैंसिस्को में मौजूद कैलिफ़ोर्निया एकेडमी ऑफ़ साइंसेज़ की संस्था है. यह पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ाने के लिए क्राउडसोर्सिंग, मैप, और फ़ोटो शेयरिंग जैसे तरीके इस्तेमाल करती है. संस्था को उम्मीद है कि संरक्षण से जुड़े लोग और विशेषज्ञ इस डेटा का इस्तेमाल किसी प्रजाति को खत्म होने से बचाने के लिए कर सकते हैं.

iNaturalist सिर्फ़ वैज्ञानिकों के लिए बना एक ऑनलाइन डेटाबेस नहीं है: कोई भी व्यक्ति जो अपने घर के पीछे मौजूद घोंघे या छुट्टियों में कहीं घूमने के दौरान दिखे किसी पौधे की तस्वीर iNaturalist की साइट पर पोस्ट कर सकता है. वैज्ञानिक, प्रकृति विशेषज्ञ और अनुभवी प्रकृति प्रेमी तस्वीरों के ज़रिए प्रजातियों की पहचान कर सकते हैं. उनकी दी गई मुख्य जानकारी को मैप पर दर्ज किया जाता है. इससे वहां जाने वाले लोगों और प्रकृति प्रेमियों को यह पता चलता है कि उनके पड़ोस या जिन जगहों पर वे जा रहे हैं वहां देखने के लिए क्या खास है.

लॉरी iNaturalist को "नागरिक विज्ञान" के रूप में देखते हैं − हालांकि, इसका मकसद सिर्फ़ जैव विविधता को ट्रैक करने से कहीं बड़ा है. लॉरी कहते हैं, "हम लोगों को प्राकृतिक दुनिया के साथ फिर से जुड़ने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं. साथ ही, हम बड़े पैमाने पर डेटा इकट्ठा करना चाहते हैं. लोगों की भागीदारी के बिना यह सब संभव नहीं है."

iNaturalist, जब साल 2008 में यूसी बर्कले स्कूल ऑफ़ इंफ़ॉर्मेशन में लॉन्च हुआ, तो इसका मकसद यही था कि इसे उपयोगकर्ताओं के लिए आसान कैसे बनाया जाए. अगर साइट पर वैज्ञानिकों से लेकर स्कूली बच्चों तक सभी लोग अपनी-अपनी जानकारी पोस्ट करते हैं और पता चलता है कि विज्ञान में दिलचस्पी रखने वाले दूसरे नागरिकों को खास प्रजातियां कहां दिखाई देती है, तो मैप को आसानी से समझने और पसंद के मुताबिक बनाना ज़रूरी हो जाता है. इसके साथ ही, डेवलपर्स के लिए यह ज़रूरी होता है कि प्रजातियों के प्रवास को ज़्यादा गहराई से दिखाने के लिए मैप पर औसत तापमान और इलाकों से जुड़े डेटा को आसानी से जोड़ा या शामिल किया जा सके.

उन्होंने यह कैसे किया

Google Maps Platform का इस्तेमाल करके iNaturalist वेबसाइट पर आने वाले लोगों को निगरानी वाली जगहें दिखाता. साथ ही, वेबसाइट पर आने वाले लोग यह देखने के लिए बिंदुओं पर क्लिक कर सकते हैं कि उनके स्थानीय इलाकों में प्रकृति पर नज़र रखने वाले दूसरे लोगों ने क्या-क्या देखा है. अगर वेबसाइट पर आने वाले लोग मोनार्क तितलियों जैसी किसी खास प्रजाति में दिलचस्पी रखते हैं, तो वे इन तितलियों की जानकारी का ग्लोबल मैप देख सकते हैं. साथ ही, वे मैप बिन्दुओं की सूची पर माउस घुमाकर यह भी देख सकते हैं कि तितली को कब और कहां देखा गया था.

ओकलैंड, कैलिफ़ोर्निया में घोंघा की मौजूदगी वाली जगहों को दिखाने वाला एक iNaturalist मैप. इनकी फ़ोटो और जानकारी "नागरिक वैज्ञानिक" अपलोड करते हैं.

iNaturalist के Android और iOS ऐप्लिकेशन में मोबाइल डिवाइस में लगे जीपीएस का इस्तेमाल होता है. इससे अक्षांश और देशांतर का डेटा लिया जाता है, ताकि Google Maps, फ़ोटो लेने के दौरान खोजी गई चीज़ की सही जगह दिखा सके. डेवलपर की ओर से, लोरी और उनके सहयोगी जलवायु और तापमान के लिए लैंडसैट सैटेलाइट डेटा, एमओडीआईएस (मॉडरेट रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोमाडोमीटर) डेटा जोड़ सकते हैं. साथ ही, वे जीवों की संख्या के लिए दूसरे डेटा सेट भी जोड़ सकते हैं.

जब हम जमीन और जलवायु की जानकारी के साथ जैव विविधता की जानकारी जोड़ते हैं, तो हमें किसी प्रजाति के बारे में पूरी तस्वीर मिलती है.

स्कॉट लॉरी, सह-निदेशक, iNaturalist.org

असर

iNaturalist ने साल 2017 की शुरुआत में 10 लाख से ज़्यादा प्रजातियों के बारे में जानकारी देने वाले 3.50 लाख से ज़्यादा लोगों 38 लाख जवाब इकट्ठा किए. इसके अलावा, साल 2016 में iNaturalist के इकट्ठा किए गए डेटा में पक्षियों के अलावा सभी दूसरी जैव विविधताओं की 50 प्रतिशत से ज़्यादा जानकारी शामिल की गई जिसे 81 देशों से लिया गया था.

iNaturalist ने लाखों लोगों को प्राकृति से जोड़ने के अपने लक्ष्य में सफलता हासिल की है. इसके अलावा, यह संस्था वैज्ञानिकों को कई प्रजातियों के बारे में कई बारीक और अहम जानकारी खोजने में भी मदद कर रहा है. पिछले साल, एक प्रकृति विशेषज्ञ ने वियतनाम के एक द्वीप पर घोंघे की तस्वीर ली और इसे iNaturalist पर पोस्ट कर दिया, घोंघा विशेषज्ञों ने इसे एक ऐसी प्रजाति के रूप में मान्यता दी जिसे देख हुए 100 से ज़्यादा साल हो चुके थे. इसके साथ ही, पिछले साल 10 साल की एक लड़की ने लॉस एंजेलिस में अपने घर के पास दिखे एक पक्षी की एक तस्वीर पोस्ट की और उसे पहचानने में मदद मांगी. अमेरिकन बर्डिंग एसोसिएशन के सदस्यों ने इसे सोशल फ़्लाईकैचर पक्षी की दुर्लभ तस्वीर के तौर पर टैग किया. यह चिड़िया आम तौर पर उस इलाके में नहीं देखी जाती.

iNaturalist की टीम निगरानी और तस्वीरों के तौर पर मौजूद जैव विविधता के डेटा का इस्तेमाल प्रजातियों की जानकारी और उनकी मौजूदगी के रुझान जानने के लिए करती है − जैसे कि वे कहां जा रहे हैं, उनकी संख्या बढ़ रही है या कम हो रही है. लॉरी कहते हैं, "कई प्रजातियां पहले के मुकाबले ज़्यादा तेज़ी से विलुप्त हो रही हैं. हमें एक ऐसे सिस्टम की ज़रूरत है जो प्रजातियों के आकलन की प्रक्रिया को तेज़ करे." साथ ही, वे कहते हैं कि आम लोग iNaturalist प्रोग्राम में शामिल होकर अपने मोबाइल डिवाइस से आस-पास की प्रकृति के बारे में जानकारी देकर उसके संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकते हैं.