WWF और Eyes on the Forest
साल 2011 में, WWF और इंडोनेशियाई वानिकी मंत्रालय के लगाए गए कैमरे से 12 बाघों की फ़ोटो ली गई. इनमें बुकिट तिगापुलुह (इसे इनमें थर्टी हिल्स नाम से भी जाना जाता है) के सेंट्रल सुमात्रा में बाघ के बच्चों की फ़ोटो भी थी. वे इन बाघों को देखकर खुश थे, लेकिन इस बात से दुखी थे कि बाघ ऐसे जंगल में रह रहे थे जिसे काटा जा रहा था. इस स्थिति पर WWF ने बुकिट तिगापुलुह में जंगलों की कटाई को लेकर एक कहानी बनाई जिसे Google Earth से बताया गया. इसके बाद, सुमात्रा एनजीओ के संघ Eyes on the Forest (EoF) ने 'Google क्लाउड' पर आधारित मैपिंग साइट का इस्तेमाल करके जंगलों की कटाई और द्वीप पर जानवरों के खत्म हो रहे घरों के बारे में जानकारी देने का फ़ैसला किया.
'Google Earth आउटरीच' डेवलपर ग्रांट के साथ WWF ने डेविड ट्राय को eyesontheforest.or.id बनाने के लिए काम पर रखा. यह मैप की ऐसी सूची है जिसमें सुमात्रा के जंगलों, बाघ, हाथी, गैंडे, और वनमानुष के अलावा अलग-अलग तरह के फूल, और समय के साथ कार्बन स्टॉक में बदलाव के बारे में जानकारी है.
उन्होंने यह कैसे किया
मैप की बहुत सारे डेटा स्तरों को Google Cloud Storage पर सेव पहले से रेंडर की गई इमेज इस्तेमाल करके दिखाया जाता है. इमेज टाइल GeoServer and Google Earth Engine में रेंडर की जाती हैं. स्तरों को साइट पर इंटरैक्टिव बनाने के लिए UTFgrid JSON टाइल का इस्तेमाल किया गया, ताकि क्लिक करने और माउस घुमाने की सुविधाएं दी जा सकें. छोटे डेटा स्तर GeoJSON की मदद से दिखाए जाते हैं.
असर
WWF और EoF को कहानी सुनाने वाले प्लैटफ़ॉर्म पर ये मैप रिलीज़ करते हुए खुशी हो रही है. इससे दर्शकों को सुमात्रा में प्रकृति के संरक्षण के बारे में बताया जाएगा. उन्हें यह भी उम्मीद है कि इससे दर्शकों को सुमात्रा का इतिहास और वहां के जंगल कटने से हुए असर के बारे में पता चलेगा. साल 2012 से, वे ज़्यादा से ज़्यादा डेटा प्रकाशित करते आए हैं. इससे वे दिखाना चाहते हैं कि किस तरह दुनिया भर की सुख-सुविधाएं प्रकृति में बदलाव कर रही हैं, अक्सर मौजूदा नियमों का उल्लंघन करने की वजह से. आम लोग – जैसे कि सुमात्रा से ताड़ के तेल और काग़ज़ के उत्पाद खरीदने वाले कारोबारी –पर्यावरण के लिए अच्छे उत्पाद बनाने वाले कारोबारियों के दावों का सच बता सकते हैं. ऐसा वे बिना अपना घर छोड़े, खुद के मैप बनाकर कर सकते हैं. इन मैप में वे वितरण करने वालों की ज़मीन से लेकर जंगलों की कमी, कार्बन स्टॉक, और जैव विविधता के बारे में बता सकते हैं.
साल 2015 में, EoF ने मैप पर रिपोर्ट और नया डेटा प्रकाशित किया था. इसमें उन्होंने बताया था कि लुगदी और काग़ज़ उद्योग का दक्षिणी सुमात्रा में पीट की आग में किस तरह हाथ था. इससे सिंगापुर में बहुत ज़्यादा धुंध पड़ी थी. इस काम के बारे में द स्ट्रेट्स टाइम्स, सिंगापुर इंस्टीट्यूट ऑन इंटरनैशनल अफ़ेयर और दूसरों ने बताया था. साल 2016 में, EoF ने एक रिपोर्ट और नया डेटा प्रकाशित किया जिसमें बताया गया था कि दुनिया भर में ताड़ के तेल की सप्लाई चेन अब भी जंगल काटने से बने गैरकानूनी उत्पादों से मुनाफ़ा कमा रही हैं ऐसा सुमात्रा के सरकार के सुरक्षित किए गए इलाकों में हो रहा हैं जहां सुमात्रा के खत्म हो रहे हाथी, बाघ, और वनमानुष रह रहे हैं. दुनिया में सबसे ज़्यादा ताड़ का तेल बनाने वाली और बेचने वाली कई कंपनियां इसमें शामिल हैं. साथ ही, उद्योग को उस फल के बारे में पता नहीं चल पाया है जिसे वे ताड़ का तेल बनाने के लिए खरीदते हैं. रिपोर्ट में बताई गई सभी कंपनियों ने इस रिपोर्ट का सकारात्मक जवाब दिया और इसके बारे में मीडिया और सिंगापुर मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरमेंट ऐंड वॉटर रिसोर्सेज़ ने भी बताया.